Kaveri Lily

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संगिनी ---◆●•••

क्या ही आनन्द आता ,जो शिव की तरह हर पुरुष गौरा को सहज मनाता....
कभी इठलाता या गुस्साता, पर स्त्री पर हाथ भूल के न उठाता......
स्वांस में भर लेता स्वांसों को ,जीने  की कला सिखाता
देता आश्वासन पीछे प्रहरी बन, आकाश तक जाने देता.....
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©®कावेरी लिली✍️✍️✍️🍁

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